SDM बनने के लिए क्या करे : SDM Banne Ke Liye Kya Kare in Hindi

SDM बनने के लिए क्या करे : SDM Banne Ke Liye Kya Kare in Hindi

SDM बनने के लिए क्या करे : SDM Banne Ke Liye Kya Kare in Hindi – अगर आप जानना चाहते है कि SDM बनने के लिए क्या करे, तो हमारे इस आर्टिकल को अंत जरूर पढ़े !

SDM बनने के लिए क्या करे : SDM Banne Ke Liye Kya Kare in Hindi
SDM बनने के लिए क्या करे : SDM Banne Ke Liye Kya Kare in Hindi

एसडीएम क्या होता है | SDM Kya Hota hain?

SDM का पूरा नाम “सब डिविजनल मजिस्ट्रेट” होता है। यह एक श्रेणी का पद है जिसे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) या प्रशासनिक सेवा (पीसीएस) के तहत काम करने के लिए सौंपा जाता है। SDM एक जिले में उपजिला प्रशासन का संचालन करता है और उसके पास कुछ महत्वपूर्ण और कानूनी शक्तियां होती हैं।

एसडीएम के कुछ मुख्य कार्यों में शामिल हैं:

  • विभिन्न प्रयोगशाला प्रक्रियाओं का पर्यवेक्षण और संचालन करता है
  • कानून और आदर्शों का पालन करें
  • अपील और मसालों के मामलों में कोचिंग कार्रवाई का प्रबंधन करना
  • भूमि और संपत्ति मालिकों का समाधान
  • चुनाव एवं मतदान प्रक्रिया का प्रबंधन करना
  • आपातकालीन सुरक्षा एवं प्रशासन का प्रबंधन करना

एसडीएम का पद स्थानीय प्रशासन, कानून और न्याय से संबंधित कई कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है और इनका कार्य किसी जिले में सामाजिक और सांस्कृतिक विकास सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

एसडीएम बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए | SDM Banne Ke Liye Kya Yogyta Honi Chahiye?

SDM बनने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए:

  • भारत का नागरिक होना
  • किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त करना
  • अंग्रेजी और हिंदी में दक्ष होना
  • शारीरिक रूप से स्वस्थ होना
  • कम से कम 21 वर्ष की आयु और अधिकतम 35 वर्ष की आयु के बीच होना

एसडीएम बनने के लिए उम्मीदवारों को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में शामिल होना पड़ता है। सीएसई एक कठिन परीक्षा है, जिसमें तीन चरण होते हैं: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। प्रारंभिक परीक्षा में 2 पेपर होते हैं, जो वस्तुनिष्ठ प्रकार के होते हैं। मुख्य परीक्षा में 9 पेपर होते हैं, जो वस्तुनिष्ठ और वर्णनात्मक प्रकार के होते हैं। इंटरव्यू में उम्मीदवारों के व्यक्तित्व, योग्यता और ज्ञान का परीक्षण किया जाता है।

सीएसई पास करने वाले उम्मीदवारों को आईएएस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाता है। आईएएस अधिकारियों को विभिन्न पदों पर तैनात किया जाता है, जिनमें से एक पद एसडीएम का भी है। एसडीएम का पद एक महत्वपूर्ण पद है और जिले के प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एसडीएम के पास जिले की कानून व्यवस्था, राजस्व संग्रहण और विकास कार्यों की देखभाल करने का अधिकार है। एसडीएम जिले के कलेक्टर के अधीन होता है। एसडीएम का काम जिले के लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है।

एसडीएम कैसे बने | SDM Kaise Bane?

एसडीएम बनने के लिए आपको भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) या प्रशासनिक सेवा (पीसीएस) में शामिल होना होगा। आप निम्नलिखित चरणों का पालन करके एसडीएम बन सकते हैं:

  • स्नातक की डिग्री: पहला कदम स्नातक की डिग्री प्राप्त करना है। यह आमतौर पर किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से होता है।
  • प्रतियोगी परीक्षा: आपको भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) या प्रशासनिक सेवा (पीसीएस) की प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होना होगा। यह परीक्षा राज्य स्तर और केंद्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है और इसमें प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा जैसे विभिन्न चरण शामिल होते हैं।
  • मुख्य परीक्षा: मुख्य परीक्षा में विभिन्न विषयों पर लिखित परीक्षा होती है और इसके आधार पर आपको वैयक्तिकरण साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।
  • व्यक्तित्व साक्षात्कार: व्यक्तित्व साक्षात्कार में आपकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक क्षमताओं का आकलन किया जाता है।
  • चयन: आपके प्रतियोगी परीक्षा परिणाम और साक्षात्कार के आधार पर राज्य सरकार आपको पीसीएस या आईएएस में नियुक्त करती है।
  • प्रशिक्षण: आपको प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें आपको विभिन्न प्रशासनिक कार्यों की समझ और अनुभव प्राप्त होता है।
  • प्लेसमेंट: ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आपकी नियुक्ति एसडीएम के पद पर हो जाती है।

यह प्रक्रिया कठिन हो सकती है और इसके लिए कड़ी मेहनत, तैयारी और समर्पण की आवश्यकता होती है। आपको अपनी तैयारी को महत्व देना चाहिए और अच्छे मार्गदर्शन के साथ प्रयास करना चाहिए।

एसडीएम बनने के लिए कौन-सा एग्जाम देना पड़ता है | SDM Banne Ke Liye Kaun-Sa Exam Dena Padta hai?

एसडीएम (सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट) बनने के लिए आपको भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) या प्रशासनिक सेवा (पीसीएस) की प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होना होगा। यह परीक्षा राज्य स्तर और केंद्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है और इसमें कई चरण होते हैं, जैसे:

  • प्रारंभिक परीक्षा: यह परीक्षा वास्तव में आवेदकों की चयन प्रक्रिया को मुख्य परीक्षा में आगे बढ़ाने के लिए एक योग्यता परीक्षा है। इसमें सामान्य अध्ययन के विभिन्न विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • मुख्य परीक्षा: मुख्य परीक्षा में विभिन्न विषयों पर लिखित परीक्षा देनी होती है। यह परीक्षा आपको साक्षात्कार के लिए प्रवेश पत्र देने के लिए आवेदकों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए उपयोगी है।
  • व्यक्तित्व साक्षात्कार: यह अंतिम चरण है जिसमें चयनित उम्मीदवारों के साथ व्यक्तिगत साक्षात्कार किया जाता है। इसका उद्देश्य उम्मीदवारों के ज्ञान, समझ, वैयक्तिकरण और सामाजिक क्षमताओं का आकलन करना है।

जब आप इन परीक्षाओं को पास कर लेते हैं, तो आपको भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) या प्रशासनिक सेवा (पीसीएस) में नियुक्त किया जाता है और आप एसडीएम पद के लिए अर्हता प्राप्त कर लेते हैं।

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SDM कौन बनता है?

SDM यानी सब डिविजनल मजिस्ट्रेट एक सिविल सेवा अधिकारी होता है जो किसी जिले के उपखंड का प्रभारी होता है। एक उपविभाग एक जिले का एक प्रशासनिक उपविभाग होता है, आमतौर पर एक शहर या एक बड़ा शहर। एसडीएम का पद एक महत्वपूर्ण पद है और जिले के प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

एसडीएम के पास जिले की कानून व्यवस्था, राजस्व संग्रहण और विकास कार्यों की देखभाल करने का अधिकार है। एसडीएम को एक आईएएस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाता है और वह जिले के कलेक्टर के अधीनस्थ होता है। एसडीएम का कार्य जिले के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है

SDM बनने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए:

1. भारत का नागरिक होना
2. किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त करना
3. अंग्रेजी और हिंदी में दक्ष होना
4. शारीरिक रूप से स्वस्थ होना
5. कम से कम 21 वर्ष की आयु और अधिकतम 35 वर्ष की आयु के बीच होना

एसडीएम बनने के लिए उम्मीदवारों को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में शामिल होना पड़ता है। सीएसई एक कठिन परीक्षा है, जिसमें तीन चरण होते हैं: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। प्रारंभिक परीक्षा में 2 पेपर होते हैं, जो वस्तुनिष्ठ प्रकार के होते हैं। मुख्य परीक्षा में 9 पेपर होते हैं, जो वस्तुनिष्ठ और वर्णनात्मक प्रकार के होते हैं। इंटरव्यू में उम्मीदवारों के व्यक्तित्व, योग्यता और ज्ञान का परीक्षण किया जाता है।

सीएसई पास करने वाले उम्मीदवारों को आईएएस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाता है। आईएएस अधिकारियों को विभिन्न पदों पर तैनात किया जाता है, जिनमें से एक पद एसडीएम का भी है। एसडीएम का पद एक महत्वपूर्ण पद है और जिले के प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एसडीएम के पास जिले की कानून व्यवस्था, राजस्व संग्रहण और विकास कार्यों की देखभाल करने का अधिकार है। एसडीएम जिले के कलेक्टर के अधीन होता है। एसडीएम का काम जिले के लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है।

अगर आप एसडीएम बनने का सपना देख रहे हैं तो आपको कड़ी मेहनत और समर्पण की जरूरत होगी। आपको अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना होगा और एक अच्छा व्यक्तित्व भी विकसित करना होगा। अगर आपके पास ये सभी योग्यताएं हैं तो आप एसडीएम बनने के लिए एक अच्छे उम्मीदवार होंगे।

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